भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"एक दीवो / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=साँवर दइया
 
|रचनाकार=साँवर दइया
|संग्रह=दर्द के दस्तावेज़ / साँवर दइया
+
|संग्रह=हुवै रंग हजार / साँवर दइया
 
}}
 
}}
 
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
 
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]

22:23, 25 नवम्बर 2010 का अवतरण

आज म्हैं
दिन में
सूरज सागै सगपण करियो है

आज म्हैं
रात में
एक दिवो जगायो है

सुणो
अंधारै अर आंधी नै
सनोसो कर दीजो !