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"जन्म-भूमि / शैलेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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नीलम का आसमान है, सोने की धरा है, | नीलम का आसमान है, सोने की धरा है, | ||
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चाँदी की हैं नदियाँ, पवन भी गीत भरा है, | चाँदी की हैं नदियाँ, पवन भी गीत भरा है, | ||
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मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि ! | मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि ! | ||
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ऊँचा है, सबसे ऊँचा जिसका भाल हिमाला, | ऊँचा है, सबसे ऊँचा जिसका भाल हिमाला, | ||
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पहले-पहल उतरा जहाँ अंबर से उजाला, | पहले-पहल उतरा जहाँ अंबर से उजाला, | ||
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मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि ! | मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि ! | ||
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− | हर तरफ़ नवीन मौज, हर | + | चरण चूमते हैं रूप मुग्ध सिन्धु तीन, |
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मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि ! | मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि ! | ||
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सौ बार भी मरेंगे हम, | सौ बार भी मरेंगे हम, | ||
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− | + | '''1947 में रचित | |
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− | 1947 में रचित | + |
14:27, 23 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण
मेरी जन्म-भूमि,
मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
नीलम का आसमान है, सोने की धरा है,
चाँदी की हैं नदियाँ, पवन भी गीत भरा है,
मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
ऊँचा है, सबसे ऊँचा जिसका भाल हिमाला,
पहले-पहल उतरा जहाँ अंबर से उजाला,
मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
हर तरफ़ नवीन मौज, हर लहर नवीन,
चरण चूमते हैं रूप मुग्ध सिन्धु तीन,
मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
इज़्ज़त प तेरी माता,
यह जान भी निसार !
सौ बार भी मरेंगे हम,
जन्में जहाँ इकबार !
1947 में रचित