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"अंधे / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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12:18, 14 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
क्योंकि
आप
बार-बार गढ़े में गिरते हैं
समय के सूरज से
आँख मूँदे रहते हैं
रूपए को
माई बाप कहते हैं
रचनाकाल: १०-०२-१९७५