भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=बिखरे फूल / गुलाब खंडेलवाल
}}{{KKAnthologyBasant}}{{KKCatKavita}}
[[Category:गीत]]
<poem>
 
एक दिन वासंती संध्या में
खड़े सिन्धु-तट पर थे जब हम, हाथ हाथ में थामे