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साये में धूप / दुष्यंत कुमार

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* [[किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम / दुष्यंत कुमार]]
* [[होने लगी है जिस्म में जुंबिश तो देखिये / दुष्यंत कुमार]]
* [[मैं जिसे ओढ़ता—बिछाता ओढ़ता-बिछाता हूँ / दुष्यंत कुमार]]
* [[अब किसी को भी नज़र आती नहीं कोई दरार / दुष्यंत कुमार]]
* [[तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं / दुष्यंत कुमार]]
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