भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKRachna
|रचनाकार=विद्यापति
}} {{KKCatKavita}}{{KKAnthologyKrushn}}
कान्ह हेरल छल मन बड़ साध।<br>
कान्ह हेरइत भेलएत परमाद।।<br>