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लकीरों पे दुनिया जो टूटे तो टूटे
भरा गम ग़म ही गम ग़म प्यार की बाँसुरी मेंकभी सुर खुशी ख़ुशी का भी फूटे तो फूटे
शराब आख़िरी घूँट तक पी चुके हम