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Kavita Kosh से
वही ज़िन्दगी जिसे प्यार से कभी तुम सजाके चले गये
जो ह्रदय को प्यार का दुःख दुख मिला, तो अधर को गीत की बाँसुरी
उसी बाँसुरी के सुरों पे हम, कोई धुन सजाके चले गये