भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
काँपती झील के दर्पण में जो हुआ सो ठीक
आँसुओं ने में दी बहा याद हमारी उनसेउसने
कोई काँटा न रहा मन में, जो हुआ सो ठीक
2,913
edits