भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पृष्ठ से सम्पूर्ण विषयवस्तु हटा रहा है
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=कुछ और गुलाब / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
यों तो होठों से कुछ न कहता है
प्यार नज़रों में उसकी रहता है
 
उसके वादे का एतबार किया
यह समझकर कि झूठ कहता है
 
कौन समझेगा दिल की बेताबी
ख़ून आँखों से जब न बहता है!
 
प्यार की हर सज़ा कबूल हमें
दिल तेरे बेरुख़ी न सहता है
 
कोई मिलता नहीं हो तुझसे, गुलाब!
फिर भी अनजान नहीं रहता है
<poem>
2,913
edits