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उसका यह विश्वासघात का विष से अधिक भयंकर पाप
आह! तुम्हीं को तुम्हींको अंतिम आहुति बनना था इस ज्वाला में
जो खा गयी सहस्रों शिशुओं, कन्याओं, माताओं को,
पुत्र-पुत्रवधुओं को, तरुणों को, तरुणी या बाला में