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यह धरती है राम-कृष्ण की, भीमार्जुन-से वीरों की
अब भी छाई स्वर्गलोक तक चर्चा जिनके तीरों की
तिब्बत का न पठार, चांग चाँग की फौज न यह शहतीरों की
अरे, हटा ले पाँव, भूमि यह हिमगिरि के प्राचीरों की
 
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