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”काज़िम” जरवली / परिचय

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{{KKRachnakaarParichay|रचनाकार=काज़िम जरवली}} काज़िम जरवली वर्तमान समय के उर्दू भाषा के प्रमुख कवि हैं। उर्दू ग़ज़ल के साथ साथ वह अपनी धार्मिक रचनाओ (इमाम हुसैन व अहलेबेत(a.s) की शान मे कहे जाने वाले कलाम जैसे सलाम, नौहे, मुसद्दस, मर्सिये इत्यादि) के लिए दुनिया भर मे प्रसिद्ध है । अपने शेरो की गहरायी व् मर्म की वजह से वो शायरों और श्रोताओ मे “शायर-ए-फ़िक्र” की उपमा से जाने जाते हैं ।<ref>http://en.wikipedia.org/wiki/kazim_jarwali</ref> ==प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा== ”काज़िम” जरवली का जन्म को १५ जून १९५५ को लखनऊ के निकट जरवल मे एक देशभक्त स्वतंत्रता सेनानी परिवार मे हुआ तथा पालन पोषण । उनके पिता मशहूर क्रांतिकारी डा सय्यद इम्तियाज़ अली रिज़वी ने आज़ादी के आन्दोलन मे सक्रिय योगदान दिया जेलयात्रा की तथा माता रईसे जरवल वा ताल्लुकेदार अलीनगर की पुत्री थी। <br />”काज़िम” जरवली ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लखनऊ मे हुई । उन्होंने किसान इंटर कालिज जरवल से प्राप्त की तथा १९७७ मे लखनऊ विश्विद्यालय से अरब कल्चर विषय से उर्दू मे स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण की तथा गोल्ड मेडल जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया ।<br /> किया।  ==कैरियर== लखनऊ के उर्दू अनुकूल वातावरण ने काज़िम जरवली की छुपी हुई प्रतिभा को निखार दिया तथा साज सवांर कर एक सशक्त उर्दू शायर तैयार किया । काज़िम जरवली ने कम उम्र से ही उर्दू शायरी शुरू कर दी थी और धीरे धीरे भारत के विभिन्न भागो मे संपन्न मुशायरो मे भाग लेना शुरू किया । उन्होंने अब तक हज़ारों मुशायरो व कवि-सम्मेलनों में पाठ किया है। साथ ही वह कई पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखते हैं। भारत के लगभग सभी बड़े शहरो के साथ साथ उन्होंने विदेशो मे, जैसे - पाकिस्तान व् , हांगकांग , दुबई, ईरान, ईराक़ व कुवैत मे भी अपने उर्दू कलाम का लोहा मनवाया।रचनाकार वर्तमान मे शिया कॉलेज लखनऊ मे कार्यरत हैं ।  ==कार्य एवम उपलब्धियां== विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा काज़िम जरवली की कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं-<br />अपने शेरो 1. किताब-ए-संग (ग़ज़ल संग्रह)<br />2. हुसैनिस्तान (सलाम का संग्रह) <br />3. कूचें और कंदीले (नेह्जुल बलागाह का काव्य रूपांतरण)<br />4. कारवाने ग़म (नौहो का संग्रह)<br />5. शहीदे सालिस का संछिप्त जीवन परिचय<br />6. अली (a .s ) संछिप्त कथाये व कथन<br />7. इरम ज़ेरे कलम (शीघ्र प्रकाशित होने वाली है) <br />  विश्व विख्यात शायर कैफ़ी आज़मी ने किताब-ए-संग के मुख्य प्रष्ठ मे काज़िम जरवली को असीम संभावनाओ वाला शायर बताया है । <br />मुशायरों मे भाग लेने के साथ साथ काज़िम जरवली वर्तमान उर्दू अदब के एक मज़बूत स्तम्भ हैं । ==पुरस्कार== 1. उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी की गहरायी व् मर्म की वजह ओर से वो शायरों और श्रोताओ मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा 1994 मे किताब-ए-संग के लिए अवार्ड<br />2. तेहरान रेडियो द्वारा उर्दू अदब के योगदान के लिए पुरूस्कार<br />3. “शायर-ए-फ़िक्र” द्वारा -इंटरनेशनल पीस फाउंडेशन ® नई दिल्ली <br /> 4. “फरोगे अज़ा व विला” द्वारा -इदारा मोह्सिने इस्लाम- मुंबई<br />5. युवा रचनाकार मंच द्वारा हिंदी काव्य मे योगदान के लिए सम्मान पुरूस्कार<br /> 6. आल इंडिया अली मिशन अवार्ड 2008<br /> ==अन्य सूचनाएं== 1. काज़िम जरवली ने दूरदर्शन द्वारा प्रसारित मोहरम की उपमा शामे ग़रीबा मजलिस का 1981 से जाने जाते लगातार दस वर्ष तक सञ्चालन किया ।<br />2. काज़िम जरवली इंटरनेट पर भी लोकप्रिय शायर हैं। फ़ेसबुक, आर्कुट, ट्वीटर, वेबसाइट व ब्लॉग पर उनकी उपस्थिति उनके प्रशंसक परिवार को काफी लुभाती है ।<br /> 3. वीडियो वेबसाईट यू-ट्यूब पर काज़िम जरवली की वीडियो दर्शको द्वारा काफी सराही जाती हैं ।  ==इंटरनेट प्रोफाइल / लोकप्रियेता== वेबसाइट : www.kazimjarwali.webs.com <br />विकिपीडिया: http://en.wikipedia.org/wiki/kazim_jarwali<br />http://en.wikipedia.org/wiki/Lucknow<br />विकिपीडिया के लखनऊ पेज में काज़िम जरवली का मैं उनका नाम वर्तमान के मुख्य उर्दू शायर के रूप मे प्रस्तुत किया गया है। उनकी रचनाओ के कई संस्करण प्रकाशित हो चुका हैं । रचनाकार वर्तमान मे शिया कॉलेज लखनऊ मे कार्यरत हैं ।फ़ेसबुक पेज : http://www.facebook.com/kazimjarwali<br /> फ़ेसबुक ग्रुप : http://www.facebook.com/kazimjarwali#!/groups/kazimjarwali/<br /> ट्वीटर प्रोफाइल : www.twitter.com/kazimjarwali<br />ब्लॉग : www.kazimjarwali.blogspot.com<br />ई-मेल : kazim_jarwali2000@yahoo.com