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ओ मेरे मितवा, मेरे मीत रे, आजा ...
नाम न जानूं जानूँ तेरा देश न जानूंजानूँकैसे मैं भेजूं भेजूँ सन्देश न जानूंजानूँ
ये फूलों की ये झूलों की, रुत न जाये बीत रे
आजा तुझको ...
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