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ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क

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/* ग़ज़लें */
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====ग़ज़लें====
* [[ आईने के आख़िरी इज़हार में / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[चराग़-ए-कुश्ता से क़िंदील कर रहा है मुझे / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[दिनों में दिन थे शबों में शबें पड़ी हुई थीं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[जिस भी लफ़्ज पे उँगलियाँ रख दे साज़ करे / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[कहीं ये लम्हा-ए-मौजूद वाहिमा ही न हो / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[किसी सफ़र किसी अस्बाब से इलाक़ा नहीं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[कितने ही फ़ैसले किए पर कहाँ रूक सहा हूँ मैं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[मेरे गिर्या से न आज़ार उठाने से हुआ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[न थीं तो दूर कहीं ध्यान में पड़ी हुई थीं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[फिर उसी धुन में उसी ध्यान में आ जाता हूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[रिफ़ाक़त की ये ख़्वाहिश कह रही है / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[सुकूत से भी सुख़न को निकाल लाता हुआ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[तुग़्यानी से डर जाता हूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]* [[उन आँखों की हैरत और दबीज़ करूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]]
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