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* [[कोई और था फिर भी / देवी नागरानी]]
* [[गर्दिशों ने बहुत सताया है / देवी नागरानी]]
दर्द बनकर समा गया दिल में
छीन ली मुझसे मौसम ने आज़ादियाँ
चराग़ों ने अपने ही घर को जलाया
सिसकियों में हों पल रहे जैसे
तुझको अपना खुदा बनाया है