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मैं दूँ <br>
अपने को <br>
(जो भी मैं हूँ) ? <br>
तुम जिस ने तोड़ा है <br>
मेरे हर झूठे सपने को-- को— <br>
जिस ने बेपनाह <br>
मुझे झंझोड़ा है <br>
आग-सी नंगी, निर्ममत्व <br>
औ' दुस्सह <br>
सच्चाई को-- को— <br>सदा आँच में तपने को-- को— <br>
तुम, ओ एक, निःसंग, अकेले, <br>
मानव, <br>
तुम को--मेरे को—मेरे भाई को! <br>
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