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हिज्जे
साफ़ ज़ाहिर है निगाहों से कि हम मरते हैं <br>
मूँह मुँह से कहते हुये हुए ये बात मगर डरते हैं <br><br>
एक तस्वीर-ए-मुहब्बत है जवानी गोया <br>
अब ये हालात हैं कि हम हँसते हुए डरते हैं <br><br>
शेर कहते हो बहुत् बहुत ख़ूब तुम "अख्तर" लेकिन<br>
अच्छे शायर ये सुना है कि जवाँ मरते हैं <br><br>
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