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हिज्जे
सामने वार कर फिर मुझे आज़मा।<br><br>
मौत से बेखबरबेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र,<br>
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर।<br><br>
बात ऐसी नहीं कि कोई गम ग़म ही नहीं,<br>
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं।<br><br>
प्यार इतना परायों से मुझको मिला,<br>
न अपनों से बाकी बाक़ी हैं कोई गिला।<br><br>
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये,<br>
आँधियों आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए।<br><br>
आज झकझोरता तेज़ तूफान तूफ़ान है,<br>नाव भँवरों की बाहों बाँहों में मेहमान है।<br><br>
पार पाने का कायम क़ायम मगर हौसला,<br>देख तेवर तूफाँ तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई।<br><br>
मौत से ठन गई।<br><br>
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