भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
(2)
सांग:- गोपीचंद-भरथरी & (अनुक्रमांक-26 )
जवाब - गोपीचंद का गुरु गौरख से।
'''जिसका कंथ रहै ना पास, कामनी रहती रोज उदास,''''''छः रूत बारा मास, बिचारी दुखिया मन मै ।। टेक ।।'''
चैत गया चमक रही ना सै, यो बैसाख बदन बट खा सै,