भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKVID|v=UMZyA5tgKio}}
<poem>
संध्या की इस मलिन सेज पर गंगे! किस विषाद के संग,
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,172
edits