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किनभने, म एउटी नारी हुँ
विशिष्ट रूपले ।
विशिष्ट नारी म नै हुँ ।
'''[[विलक्षण स्त्री / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / माया एंजलो|इस कविता का हिन्दी अनुवाद पढ्ने के लिए यहाँ क्लिक करेँ]]'''
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