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हाँ, बेशक बुद्धिमान और विद्वान लोग
जो अख़बारों में सम्पादकीय लिखते हैं,
और वे महानुभाव जिनके नामों के आगे गैहै
डॉक्टर की उपाधि
गोरे और काले,
जिन्हें मरना है,
उन्हें कानूनों और लाठियों और संगीनों
और गोलियों से मारते हुएलोगों को आतंकित करने के लिएक्योंकि मरने वाले बच्चे लोगों के रक्त में लोहे की तरह हैंऔर बूढ़े और धनी लोग नहीं चाहतेकि लोग मरने वाले बच्चों के लोहे का स्वाद जान जाएँ,नहीं चाहते कि लोगों को अहसाद होउनकी अपनी ताक़त का,कि वे किसी एंजेलो हर्नडन पर भरोसा करने लगें,या सिर्फ़ एकजुट ही हो जाएँ !
सुनो, मरने वाले बच्चो !
शायद, आज के दौर में तुम्हारे लिए कोई स्मारक नहीं होगा
हमारे दिलों के सिवाय
शायद तुम्हारे ज़िस्म किसी दलदल में गुम हो जाएँ
या किसी जेल की क़ब्र में, या किसी गुमनाम क़ब्रगाह में
या नदियों में, जहाँ तुम्हें डुबो दिया जाए
लिएब्नेख़्त की तरह
 
पर वो दिन आएगा
तुम्हें ख़ुद भी पूरा भरोसा है कि वो दिन आ रहा है
जब लोगों के एक साथ मार्च करते क़दम
तुम्हारे लिए प्यार का एक जीता-जागता स्मारक खड़ा करेंगे,
और उल्लास का और हँसी का,
और काले हाथ और गोरे हाथ
एक-दूसरे को मजबूती से थामे हुए
मानो एक ही हों,
और आकाश तक गूँजता एक गीत
मरने वाले बच्चों की ओर से ।
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम'''
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