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<table width=40% align=right style="border:1px solid #0099ff"><tr><td align=center><b>पुराने लेख</b></td></tr><tr><td align=center>[[Current events|वर्तमान]]&nbsp;&nbsp;&nbsp;[[नई घटनायें/001|001]]&nbsp;&nbsp;&nbsp;<font color=gray>002&nbsp;&nbsp;&nbsp;003&nbsp;&nbsp;&nbsp;004&nbsp;&nbsp;&nbsp;005&nbsp;&nbsp;&nbsp;006&nbsp;&nbsp;&nbsp;007&nbsp;&nbsp;&nbsp;008&nbsp;&nbsp;&nbsp;</font></td></tr></table>
 
 
 
 
==गंगोपाध्याय चुने गए साहित्य अकादमी अध्यक्ष==
दरअसल पंजाबी के साहित्यकार एस एस नूर के विरोध में बांग्ला साहित्यकार इंद्रनाथ चौधरी का नाम था, लेकिन अंतिम समय में उनके नाम वापस ले लेने के कारण नूर को निर्विरोध उपाध्यक्ष चुन लिया गया। गौरतलब है कि साहित्य अकादमी के पहले अध्यक्ष पद को पं. जवाहर लाल नेहरू और उपाध्यक्ष पद को डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सुशोभित किया था।
 
==क्रांतिकारी कवि अरुण काले नहीं रहे==
 
नासिक। जाने माने क्रांतिकारी दलित कवि अरुण काले का मंगलवार को दिल का दौरा पडने से निधन हो गया। वह 55 वर्ष के थे।
 
काले के चर्चित काव्य संग्रहों में रॉक गार्डन और सैरांचे शहर काफी प्रसिद्ध हैं और सैरांचे शहर का हिंदी, मलयालम, गुजराती और बंगाली भाषाओं में अनुवाद किया गया है। उन्हें बतकरी थोंबरे पुरस्कार, महाराष्ट्र फाऊंडेशन पुरस्कारऔर सहकार महर्षि पुरस्कार समेत कई सम्मान मिल चुके हैं। नासिक के राणे नगर निवासी काले के परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है।
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