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मेरे मन को सब करत है काम <br>
ऐ सखि साजन? ना सखि राम! <br><br>
 
१९.<br>
सरब सलोना सब गुन नीका<br>
वा बिन सब जग लागे फीका<br>
वा के सर पर होवे कोन<br>
ऐ सखि ‘साजन’ना सखि! ,लोन(नमक)<br><br>
 
२०.<br>
सगरी रैन मिही संग जागा<br>
भोर भई तब बिछुड़न लागा<br>
उसके बिछुड़त फाटे हिया’<br>
ए सखि ‘साजन’ ना,सखि! दिया(दीपक) <br><br>
 
२१.<br>
वह आवे तब शादी होय,<br>
उस बिन दूजा और न कोय<br>
मीठे लागे वाके बोल<br>
ऐ सखि’साजन’, ना सखि ! ‘ढोल’<br>