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ऋषभ देव शर्मा / परिचय

10 bytes added, 18:30, 17 अप्रैल 2009
नाम : ऋषभ देव शर्मा
 
उपनाम : 'देवराज'
प्रकाशन :
 
काव्य संग्रह - तेवरी, तरकश, ताकि सनद रहे।
आलोचना - तेवरी चर्चा, हिंदी कविता : आठवाँ नवाँ दशक।
संपादन :
 
पुस्तकें :
 
पदचिह्न बोलते हैं,
अनुवाद का सामयिक परिप्रेक्ष्य,
प्रेमचंद की भाषाई चेतना।
पत्रिकाएँ :
संकल्य (त्रैमासिक) : दो वर्ष
पूर्णकुंभ (मासिक) : पाँच वर्ष : सहायक संपादक
पाठ्यक्रम लेखन :
 
डॉ.बी.आर.अंबेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय, हैदराबाद।
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नै।
शोध निर्देशन :
 
पीएच.डी. और एम.फिल. के 80 शोध प्रबंधों का सफलतापूर्वक निर्देशन।
विशेष :
 मूलतः कवि।
1981 में तेवरी काव्यांदोलन (आक्रोश की कविता) का प्रवर्तन किया ।
 
[तेवरी काव्यांदोलन की घोषणा 11 जनवरी 1981 को मेरठ, उत्तर प्रदेश, में की गई थी। एक वर्ष बाद खतौली [उत्तर प्रदेश] में इसका घोषणा पत्र डॉ. देवराज और ऋषभ देव शर्मा ने जारी किया था। तेवरी सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक विसंगतियों पर प्रहार करने वाली आक्रोशपूर्ण कविता है। यह किसी भी छंद में लिखी जा सकती है। इसकी हर दो पंक्तियाँ स्वतःपूर्ण होते हुए भी पूरी रचना में अंतःसूत्र विद्यमान रहता है। तेवरी का छंद सम-पंक्तियों में तुकांत होता है। इसे अमेरिकन कांग्रेस की लाइब्रेरी के कॅटलॉग में 'पोएट्री ऑफ प्रोटेस्ट' कहा गया है|]