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हमपेशा-ओ-हममशरब-ओ-हमराज़<ref>सहव्यवसायी, सहपंथी
</ref> है मेरा
'गा़लिब' को बुरा क्योँ क्यों कहो अच्छा मेरे आगे
</poem>
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