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लेखक: [[श्यामनन्दन किशोर]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:|रचनाकार=श्यामनन्दन किशोर]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~}}
बहुत दिन तक बड़ी उम्मीद से देखा तुम्हें जलधर,<br>
मगर क्या बात है ऎसी, कहीं गरजे कहीं बरसे ।<br><br>