भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
ऐसा कुछ देखा के दुनिया से मेरा दिल उठ गया <br><br>
शमा ने रो -रो के काटी रात सूली पर तमाम <br>
शब को जो महफ़िल से तेरी ऐ ज़ेब-ए-महफ़िल उठ गया <br><br>
Mover, Uploader
752
edits