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लेखक: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"लम्बी कविता]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*
मुझे गगन का दिखा सघन वह छोर!<br>
राग अमर! अम्बर में भर निज रोर!<br><br>
 
[[बादल राग / भाग २ / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"|अगला भाग >>]]