भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
 
'''ग़ज़ल४'''
 
 
कोई हो मौसम थम नहीं सकता रक़्से-जुनूँ दीवानों का
ज़ंज़ीरों की झनकारों में शोरे-बहाराँ बाक़ी है
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits