भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ग़ालिब

126 bytes added, 10:29, 6 अगस्त 2010
* [[बाद मरने के मेरे घर से यह सामाँ निकला / ग़ालिब]]
* [[वह हर एक बात पर कहना कि यों होता तो क्या होता / ग़ालिब]]
* [[बिजली इक कौंद गयी आँखों के आगे तो क्या / ग़ालिब]]
18
edits