भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
तीर पार कान्हा से दूर राधिका-सी है
रात की उदासी को आँसुओ ने झेला याद संग खेला है
कुछ गलत ना कर बैठें मन बहुत अकेला है
Anonymous user