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"नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम / शलभ श्रीराम सिंह" के अवतरणों में अंतर

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इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
 
इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
 
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब
 
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब
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जहाँ आवाम के खिलाफ साजिशें हों शान से
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जहाँ पे बेगुनाह हाथ धो रहे हों जान से
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वहाँ न चुप रहेंगे हम,कहेंगे हाँ कहेंगे हम
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हमारा हक हमारा हक हमें जानब चाहिए
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इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
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ज़िन्दाबाद इन्क़लाब
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20:56, 20 दिसम्बर 2010 का अवतरण

ये गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें ।

नफ़स-नफ़स, क़दम-क़दम
बस एक फ़िक्र दम-ब-दम
घिरे हैं हम सवाल से, हमें जवाब चाहिए
जवाब दर-सवाल है कि इन्क़लाब चाहिए
इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब
जहाँ आवाम के खिलाफ साजिशें हों शान से
जहाँ पे बेगुनाह हाथ धो रहे हों जान से
वहाँ न चुप रहेंगे हम,कहेंगे हाँ कहेंगे हम
हमारा हक हमारा हक हमें जानब चाहिए
 इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब