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"जूता / अरुण चन्द्र रॉय" के अवतरणों में अंतर

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11:58, 23 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

जूता
पैरों में होता है
सभी जानते हैं
कोई नई बात नहीं
लेकिन
जूता
पैरो की ठोकरों में
रहता है
सदैव
झेलता हुआ
तिरस्कार
अवहेलना

हाँ
मैं कर रहा हूँ
जूते की बात
जो
पैरों में नहीं
हमारे बीच रहता है