भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गंदा लड़का / ओरहान वेली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ओरहान वेली |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} Category:तुर्की भाषा …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:11, 26 दिसम्बर 2010 का अवतरण
|
तुम स्कूल से भागते हो
तुम चिड़ियों को पकड़ते हो
समुद्र के किनारे
गंदे लड़कों से बातें करते हो तुम
दीवारों पर गंदे-गंदे चित्र बनाते हो
कुछ ख़ास नहीं
पर तुमने मेरा भी दिमाग़ ख़राब कर दिया है
कितने गंदे लड़के हो तुम !