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"दौलत पाय न कीजिए / गिरिधर" के अवतरणों में अंतर

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चंचल जल दिन चारिको, ठाउं न रहत निदान॥
 
चंचल जल दिन चारिको, ठाउं न रहत निदान॥
  

20:19, 3 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

दौलत पाय न कीजिए, सपनेहु अभिमान।
चंचल जल दिन चारिको, ठाउं न रहत निदान॥

ठाउं न रहत निदान, जियत जग में जस लीजै।
मीठे बचन सुनाय, विनय सबही की कीजै॥

कह 'गिरिधर कविराय अरे यह सब घट तौलत।
पाहुन निसिदिन चारि, रहत सबही के दौलत॥