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"घर-5 / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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23:19, 8 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

घर
मेरा कोई है नहीं
घर मुझे चाहिए
घर के भीतर प्रकाश हो
इसकी भी मुझे चिंता नहीं है
प्रकाश के घेरे के भीतर मेरा घर हो
इसी की मुझे तलाश है
ऐसा कोई घर आपने देखा है ?
देखा हो
तो मुझे भी उसका पता दें
न देखा हो
तो मैं आपको भी
सहानुभूति तो दे ही सकता हूँ
मानव होकर भी हम-आप
अब ऐसे घरों में नहीं रह सकते
जो प्रकाश के घेरे में हैं
पर हम
बेघरों की परस्पर हमदर्दी के
घेरे में तो रह ही सकते हैं