भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पिए ज्ञान को / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
 
छो ("पिए ज्ञान को / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
 
(कोई अंतर नहीं)

14:22, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

पिए ज्ञान को
लिए पड़ी है
सूखी उड़ती रेत।
जिए ज्ञान को
खिले खड़े हैं
कल के-फल के खेत

रचनाकाल: ०१-०४-१९६७