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"माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥१॥
 
कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥१॥
 
कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥२॥
 
कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥२॥
ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों। लायों है बजाकै ढोल॥ मा०॥३॥
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ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों। लियों बंजंता  ढोल॥ मा०॥३॥
 
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके बोल॥ मा०॥४॥
 
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके बोल॥ मा०॥४॥
  
 
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19:01, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल॥ध्रु०॥
कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥१॥
कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥२॥
ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों। लियों बंजंता ढोल॥ मा०॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके बोल॥ मा०॥४॥