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"करमदंड / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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21:48, 9 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

मुझको ही मार गया
मेरा करमदंड
और मैं
कराहता हूँ
अतीत से जुड़े वर्तमान में
भविष्य का कंधा
पकड़कर
जीने के लिए
भविष्य नहीं दिखता मुझे
कि छुऊँ
और जिंदगी में जिऊँ
जैसी नहीं जी मैंने
अब तक
एक भी क्षण

रचनाकाल: १०-११-१९७०, रात