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राही
राह भटक गया है
पगडंडी से सड़क
सड़क से जंगल
रास्ते से भटक गया है
जंगल से ग़ुजरने वाली
रुपहली नदी में
खो गया है कहीं ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला