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18:00, 21 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
बकझक
बकझक
नहीं करो,
उल्टे पाँव नहीं डगरो;
सच की साँस चलो
गाँस-फाँस से
बच निकलो;
अपने प्राण पलो
फूलो और फलो।
रचनाकाल: ३१-१२-१९९१