"पहला तुषारपात / बरीस पास्तेरनाक" के अवतरणों में अंतर
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15:04, 24 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
बाहर चरखी चला रहा था बर्फ़ानी तूफ़ान
और अब उसने छिपा दिया एक कफ़न के नीचे संसार को ।
बर्फ़ के नीचे ढक गई है ’पेपर-गर्ल’,
उसके ’पेपर’ और उसकी दुकान वाली गुमटी ।
बहुत अक्सर हमारे अनुभवों ने
हमें इस निष्कर्ष पर पहुँचाया है
कि बर्फ़ गिरती है चुप्पी साध-साध कर
छल-प्रपंच के लिए ।
बिना किसी पश्चाताप के
बर्फ़ से ढँक कर सँवारते हुए
कितनी बार प्रायः लाया है वह
तुम्हें घर शहर से रात में ।
जबकि हिम-पटलों से दूरियाँ
हो रही थीं ओझल और अस्पष्ट
टटोल रही थी रास्ता एक मदमत्त छायाकृति
लड़खड़ाती हुई दरवाज़े के पास ।
और तब उसने जल्दी से प्रवेश किया ।
मैं जानता हूँ निश्चित रूप से
फिर कोई पाप छिपाना चाहता था अपना
इस तुषार पात में ।
अंग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : अनुरंजन प्रसाद सिंह