भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आजमाना भी जानता है वो / कांतिमोहन 'सोज़'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कांतिमोहन 'सोज़' |संग्रह= }} {{KKCatGhazal‎}}‎ <poem> आजमाना भी …)
(कोई अंतर नहीं)

00:08, 28 जनवरी 2011 का अवतरण

आजमाना भी जानता है वो
भूल जाना भी जानता है वो ।

दिल लुभाना भी जानता है वो
जी जलाना भी जानता है वो ।

दूर होकर दिखा दिया उसने
पास आना भी जानता है वो ।

ग़ैर ने अब तो कर दिया साबित
नाज उठाना भी जानता है वो ।

क्यूँ कफ़स से न आशना हो लूँ
आशियाना भी जानता है वो ।

सोज तो दिल्लगी में प्यार हुआ
दिल लगाना भी जानता है वो ।