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"अपने से बाहर / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर
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16:29, 5 फ़रवरी 2011 का अवतरण
जब घाटी से देखा तो, सुंदर दिखता था
शिखर
अब शिखर पर हूँ तो ज़्यादा सुन्दर दिखती है घाटी.
अपने से बाहर जहाँ से भी देखो
दूसरा ही सुन्दर दिखता है ।
