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"बीसवीं सदी जाओ जाओ / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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बीसवीं सदी जाओ-जाओ | बीसवीं सदी जाओ-जाओ | ||
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जाते-जाते | जाते-जाते | ||
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अपने साथ ले जाओ तुम | अपने साथ ले जाओ तुम | ||
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युद्ध और | युद्ध और | ||
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क्रुद्ध इस दुनिया के आवेश | क्रुद्ध इस दुनिया के आवेश | ||
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दुनिया के देशों को बाँटे जो | दुनिया के देशों को बाँटे जो | ||
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हथियारों के जखीरे का | हथियारों के जखीरे का | ||
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वह भयानक परिवेश | वह भयानक परिवेश | ||
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जाओ-जाओ | जाओ-जाओ | ||
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बीसवीं सदी जाओ-जाओ | बीसवीं सदी जाओ-जाओ | ||
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जाते-जाते | जाते-जाते | ||
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अपने साथ ले जाओ तुम | अपने साथ ले जाओ तुम | ||
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भूख, गरीबी, अभाव, यंत्रणा | भूख, गरीबी, अभाव, यंत्रणा | ||
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और जीवन के सब अपमान | और जीवन के सब अपमान | ||
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आतंक, शोषण, भय, प्रताड़ना | आतंक, शोषण, भय, प्रताड़ना | ||
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और जीवन के दुख तमाम | और जीवन के दुख तमाम | ||
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जाओ-जाओ | जाओ-जाओ | ||
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बीसवीं सदी जाओ-जाओ | बीसवीं सदी जाओ-जाओ | ||
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(रचनाकाल : 1999) | (रचनाकाल : 1999) | ||
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12:22, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
जाओ-जाओ
बीसवीं सदी जाओ-जाओ
जाते-जाते
अपने साथ ले जाओ तुम
युद्ध और
क्रुद्ध इस दुनिया के आवेश
दुनिया के देशों को बाँटे जो
हथियारों के जखीरे का
वह भयानक परिवेश
जाओ-जाओ
बीसवीं सदी जाओ-जाओ
जाते-जाते
अपने साथ ले जाओ तुम
भूख, गरीबी, अभाव, यंत्रणा
और जीवन के सब अपमान
आतंक, शोषण, भय, प्रताड़ना
और जीवन के दुख तमाम
जाओ-जाओ
बीसवीं सदी जाओ-जाओ
(रचनाकाल : 1999)