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"अब समझौता होना है / तुफ़ैल चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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11:57, 3 मार्च 2011 का अवतरण
सबको घाटा होना है
अब समझौता होना है
लौटेगी फिर देर से घर
फिर वावैला होना है
अगर न तेरे हाथ छुयेँ
शहद तो कड़वा होना है
रातें रौशन करने में
दिन तो काला होना है
ये कहती है तारीकी
बहुत उजाला होना है
उससे लड़कर लौटा हूँ
ख़ुद से झगड़ा होना है
मेरे शेरों का कल तक
बोटी तिक्का होना है