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"ग़लती वहीं हुई थी / संध्या नवोदिता" के अवतरणों में अंतर

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12:00, 14 मार्च 2011 के समय का अवतरण

तुम्हारे अँधेरे मेरी ताक में हैं
और मेरे हिस्से के उजाले
तुम्हारी गिरफ़्त में

हाँ
ग़लती वहीं हुई थी
जब मैंने कहा था
तुम मुझको चाँद ला के दो

और मेरे चाँद पर मालिकाना तुम्हारा हो गया