भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जाने किसके नाम / कैलाश गौतम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कैलाश गौतम |संग्रह= }} <poem> जाने किसके नाम हवा बिछात…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:04, 15 मार्च 2011 के समय का अवतरण
जाने किसके नाम
हवा बिछाती पीले पत्ते
रोज सुबह से शाम।
टेसू के फूलों में कोई मौसम फूट रहा
टीले पर रुमाल नाव में रीबन छूट रहा
बंद गली के सिर आया है
एक और इल्जाम।
क्या कहने हैं पढ़ने लायक सरसों के तेवर
भाभी खातिर कच्ची अमियाँ बीछ रहे देवर
नये -नये अध्याय खोलते
नए नए आयाम।
टूट रही है देह सुबह से उलझ रही आँखे
फिर बैठी मुंडेर पर मैना फुला रही पाँखे
मेरे आंगन महुआ फूला
मेरी नींद हराम।